Monday, December 12, 2011

हे भगवान !!!!

मैं नास्तिक हूँ फिर भी आज भगवान पर चर्चा करूँगा |

सब कहते हैं (सब से मेरा मतलब उन लोगों से है जो उसे भगवन नहीं मानतें )
अगर सचिन भगवान है तो देश को विश्व विजयी बनाने में उसने २२ साल क्यों लगाये ?? ... क्या उसमें इतना दम नहीं ??
देश को test # 1 बनाने में २१ साल क्यों लगाये ?? ... क्या उसका मन नहीं ???
हमने आज तक जीत दर्ज क्यों नहीं की उनकी धरती पर जबकि तुम्हारा भगवान 92, 99, 04, 07 में australia जा चूका है ?? क्या देश विजय उसका रण नहीं ??
(यहाँ आप शब्दों की हेरा फेरी देखिये .. उपरितार्थ कहे गए का एक मतलब ये भी है के : जा कर जीतने से चुक गया है )

हाँ तो जो लोग ऐसी बातें करते हैं उनसे मेरा सवाल है

सुनामी आती है निर्दोष मरे जाते हैं क्या उन्हें बचाना तुम्हारे भगवान का धर्म नहीं ???
क्या गरीबी से मर रहे बच्चो बुढो माताओ को बचाना क्या तुम्हारे भगवान का कर्म नहीं ??
पापी आज संसार में इतना आगे बढ़ गए क्या ये तुम्हारे भगवान की आँखों के सामने हो रहा रहा अधर्म नहीं ??
उसी के नाम पर लाखों लोग मार दिए जाते हैं. इस बात से तनिक भी आती उसे शर्म नहीं ???

तुम इतनी असहाय सी कल्पना को अपना भगवान मानते हो ! और मैं तुम लोगों की बकवास सुनता हूँ ! भगवान और धर्म के नाम पर किये गए तुम्हारे अत्याचार सहता हूँ तो तुम क्यों नहीं चुप चाप उसकी बात सुन लेते हो जो सचिन को अपना भगवान मानता है |
क्या सचिन के नाम पर बाबरी मस्जिद गिराया किसी ने ??
क्या उसके नाम पर तोडा कोई मंदिर किसी ने ??
कोई पादरी जला नहीं उसके नाम पर क्या उसका दोष यही है ??
उसे भगवान नाम देना क्या सही है ??

विनती है मेरी : उसे भगवान न कहिये . उसके नाम पे किसी ने किसी को कोई भी कुकर्म करने के लिए नहीं उकसाया है |
और अगर जिसे लगता है के उसे भगवान कहना गलत है
तो अगर मैं तुम्हारे भगवान को झेल सकता हूँ. तो तुम्हे भी सचिन को भगवान मानने वालो की श्रधा का अपमान नहीं करना चाहिए |